बवासीर दो प्रकार से होता है अंदरूनी और बाहरी. अंदरूनी बवासीर में मस्से नहीं दिखाई देते लेकिन बाहरी बवासीर में मस्से दिखाई देते है. जब व्यकित मल त्यागता है तो उसके साथ खून भी बाहर आता है जिसे खूनी बवासीर कहते है. खून बहुत ज्यादा बाहर निकलता है कि रोगी इसे देखकर घबरा जाता है. यदि रोगी को बाहरी बवासीर है तो मस्से सूज कर मोटे हो जाते है जिसके कारण जलन, तेज दर्द और खुजली होने लगती है. आज हम इस पोस्ट में पढेंगे कि बवासीर को ठीक करने के घरेलू तरीके कौन कौन से है.
बवासीर के इलाज के घरेलू तरीके और देशी नुख्से – Bawasir Ke Gharelu Upay in Hindi
- खूनी बवासीर से पीड़ित रोगी को दही या लस्सी के साथ प्याज का सेवन करना चाहिए इससे आराम मिलेगा.
- मूली खाना या मूली का रस पीने से बवासीर से छुटकारा मिलता है. 25-50 ग्राम मूली के रस का सेवन एक खुराक में कर सकते है.
- आम और जामुन कि गुठलियों के अन्दर वाले हिस्से को सुखाकर पीस लीजिये. अब इस चूर्ण को रोजाना 1 चम्मच पानी या लस्सी के सेवन करने से बवासीर से तुरंत आराम मिल जाएगा.
- इसबगोल कि भूसी बहुत फायदेमंद है पेट साफ़ करने के लिए यदि पेट में गैस बनती है.
- 40 -50 ग्राम इलाइची तवे पर भून लीजिये अब इसको ठंडी होने के बाद इसका चूर्ण बना लीजिये. इस चूर्ण को रोजाना सुबह खली पेट खाते से पाईल्स जैसी समस्या से राहत मिलती है.
- 100 ग्राम किसमिस को रात में पानी में भिगोकर रख दीजिये. अगली सुबह किसमिस को मसलकर खाने से बवासीर से छुटकारा मिलेगा.
- ताजा मक्खन के साथ 10 – 15 ग्राम काला तिल को धुलकर खाने से खूनी बवासीर राहत मिलेगी और खून आना बंद हो जायेगा. पाईल्स को दूर करने के लिए एक चौथाई दाल चीनी में एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन कीजिये.
- 50- 10 ग्राम अरंडी के तेल को हल्का गर्म कर लीजिये अब उसमे 10 -20 कपूर मिलाकर रख ले. मस्सो को स्वस्छ पानी से धुलकर साफ़ कपड़े से पोछ ले. अब इस मिश्रण को मस्सो में लगाकर हल्का हल्का मालिश करें. इस देसी उपचार को रोजाना दिन में 2 बार लगाने से मस्सो का दर्द, सूजन, जलन और खुजली से तुरन रहत मिलेगा.
- सेहुंड के दूध में थोडा सा हल्दी पाउडर मिला लीजिये अब इसकी 1 बूंद को मस्से पर लगाने से आराम मिलेगा.
बवासीर में परहेज और क्या नहीं खाना चाहिए – What to avoid or not eat in piles in Hindi
बवासीर के इलाज में जितना ज्यादा जरूरी यह जानना है कि क्या खाना चाहिए उतना ही इस बात कि भी जानकारी होना जरूरी है कि क्या नहीं खाना चाहिए.
- ज्यादा तेल मसाला और तीखे चटपटे खाना बंद करें.
- मांस मछली, बासी खाना, ज्यादा खटाई न खाएं.
- आलू बैगन और डिब्बे में पैक भोजन न करें.
- सिगरेट, शराब और तम्बाकू से दूरी बनाये.
- ज्यादा काफी और चाय पीने से बचे.
- पेट में गैस बनना बवासीर का प्रमुख कारण है. इसलिए पेट में गैस, कब्ज न बनने दे.
- दूषित पानी से सौच न करें.
- बवासीर के रोगियों को उड़द कि डाल नहीं खाना चाहिए.
- जंक फ़ूड और बाहर का खाना बंद करें.
बवासीर में क्या खाये – What to Eat in Piles in Hindi
- बवासीर एक रोगियों को हरी पत्तेदार का सेवन करना चाहिए.हरी पत्तेदार सब्जियों में कई सारे में पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं जो यह बवासीर को ठीक करने में सहायक होने हैं साथ ही पाचन क्रिया अच्छी होती हैं.
- ईसबगोल की भूसी खाना चाहिए piles के रोगियों को. ईसबगोल की भूसी में घुलनशील फाइबर की अच्छी मात्रा पायी जाती है, जो कब्ज की समस्या से राहत दिलाते हैं. इसके साथ ही ईसबगोल की भूसी खाने से आपके मल में भारीपन आ जाता है, जिससे मल त्याग में परेशानी नहीं होती है.
- बवासीर में भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए. रोजाना कम से कम 3 से 4 लीटर पानी रोजाना पीना चाहिए. भरपूर मात्रा में पानी पीने से आपके शरीर से हानिकारक पदार्थ मूत्र केरूप में आसानी से बाहर निकल जाते हैं. इसके साथ ही शरीर का रक्त संचार भी बढ़ता है, जो पाइल्स को ठीक करने में मदद करता है. इसके अलावा भरपूर मात्रा पानी पीने से मल त्याग करने में आसानी होती है और कब्ज की समस्या छुटकारा मिलता है.
- बवासीर में ताजा फल का सेवन करें जैसे – सेबस्ट्रॉबेरी ब्लूबेरी अंगूर पपीता केले संतरे अंगूर.फलों को जितना हो सके छिलके सहित सेवन करें, क्योंकि छिलकों में अत्यधिक मात्रा में फाइबर मौजूद होते हैं. फलों में उपस्पौथित पौषक तत्व, विटामिन और खनिज आपके पाचन क्रिया को बढ़ाने में सहायक होते हैं.
- बवासीर रोगियों को आहार में साबुत अनाज लेना चाहिए जैसे – ब्राउन राइस ओटमील, होल ग्रेन आटा, होल वीट पास्ता और मल्टी ग्रेन ब्रेड.साबुत अनाज और चोकर युक्त अनाज बवासीर के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होता है. साबुत और चोकर युक्त आहार लेने से मल त्यागने में आसानी होती है.
- अंकुरित अनाज को खाने से बवासीर से छुटकारा मिलता है. क्योंकि अंकुरित अनाज में अत्यधिक मात्रा में बिटामिन सी,प्रोटीन और कैल्सियम मौजूद होते हैं. ये सभी पोषण पदार्थ बवासीर के इलाज में असरदार हैं. बवासीर के रोगियों को कम से कम रोजाना 1 कप अंकुरित अनाज का सेवन करना चाहिए. लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि कच्चे अंकुरित अनाज को न खाएं, इससे बवासीर की समस्या और ज्यादा हो सकती है.
- दही या छांछ बवासीर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए लाभदायक होती है. यह आपके पाचन क्रिया को बेहतर बनती है. दही और छाछ आपके शरीर में सूजन को कम करने के साथ- साथ आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी मददगार हैं.
बवासीर का इलाज बाबा रामदेव पतंजलि दवा – Patanjali Piles Medicine
बावासीर के मस्सों से राहत पाने के लिए यदि आप आयुर्वेदिक दवाइयों का सहारा लेना चाहते हैं तो बाबा रामदेव पतंजलि स्टोर से आप दिव्य अर्श कल्प वटी लेकर इस्तमाल कर सकते हैं.इस दवा की 1-2 गोली दिन में दो बार पानी या लस्सी के साथ सेवन करें.
योगा से बवासीर का उपचार कैसे करे – Yoga for Piles in Hindi
शरीर को स्वस्थ बनाये रखने और बीमारियों से से लड़ने के लिए योगा-व्यायाम करना अच्छा उपाय है. बवासीर के रोगियों के लिए योगा में अनुलोम-विलोम और कपालभाती प्राणायाम दिन में 2 बार करें इससे जरुर फायदा होगा. अगर आप इन प्राणायाम करने की सही विधि नहीं जानते तो आप किसी अनुभवी योग गुरु का मार्गदर्शन ले सकते हैं. बाबा रामदेव ने भी सभी योगासन के लिए विडियो बनाये है आप घर बैठे Youtube पर इन विडियो को देखकर योगा कर सकते है.
मुझे उम्मीद है आपको यह पोस्ट बवासीर का उपचार के घरेलू उपाय और देसी तरीके, piles treatment in Hindi जरुर पसंद आया होगा. यदि आपके पास इस लेख से जुड़े कोई सवाल या सुझाव है तो निचे कमेंट कर जरुर बताएं. अगर आप के पास बवासीर के मस्से का इलाज के आयुर्वेदिक नुस्खे है तो हमारे साथ शेयर कर सकते हैं। Bawasir ka ilaj upay aur gharelu nuskhe को सोशल मीडिया पर भी शेयर करें जिससे लोगो को बीच जागरूकता फैलेगी.
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